Monday, 26 November 2012

फूलन : वक़्त एक दिन तुम्हारी पुकार अवश्य सुनेगा



13 दिसम्बर 2000 में बदायूं से समाज के बड़े स्वर्गवासी नेता के पुत्र जो राजनीति में हाथ पाँव मार रहे थे, के नेतृत्व में जंतर मंतर पर होने वाले एक धरने के सिलसिले नई दिल्ली आना हुआ ।थोड़ी ही दूरी पर अशोक रोड पर सांसद फूलन देवी का निवास था । कई बार मिल चुका था , सो धरने के पश्चात मैंने सोचा किया कि सांसद महोदया से मिल लिया जाए । करीब तीस चालीस साथियों के साथ हम फूलन देवी के सरकारी आवास के लान में जा पसरे । दो घंटे की प्रतीक्षा के पश्चात देवी जी की गाडी आई । 

       जैसे ही गेट पर गार्ड ने उन्हें बताया कि समाज के लोग आये हैं और लान में बैठे है ... आप तुरंत गाडी से उतर कर सीधे लान में चली आईं और हमारे बीच घास पर ही बैठ गयीं । सरल और सहज स्वभाव की मालकिन ने शीघ्र ही सबका ह्रदय जीत लिया । मनुहार कर अपने ड्राइंग रूम में ले आई, दो बड़े बड़े कुत्ते देवी पर लिपटे जाते थे । सबको बैठाया ....हुक्म हुआ सबको चाय पिलाओ । रसोइये ने हाथ खड़े कर दिए .......दूध नहीं था । अब रात के आठ बजे दूध कहाँ से आये ? हम लोगों ने मना किया ,मगर देवी जी बिना चाय के नहीं मानी । अब सांसद का हुक्म था तो गाड़ी दिल्ली की सड़कों पर हूटर बजाती दौड़ पड़ी । आधे घंटे बाद ही हम देवी जी के साथ हमप्याला थे चाय की चुस्कियों के साथ ।
               
जब तक चाय आई तब तक देवी जी को नजदीक से जानने का और मौका मिला । आज मछुआ आरक्षण की जिस विसंगति को अच्छे अच्छे जानकार नहीं समझ पाए ,उसे आप भली भांति जानती थीं । आपने बताया कि आपके पास दिल्ली राज्य का मल्लाह जाति का SC प्रमाण पत्र है और किसी भी राज्य का प्रमाण पत्र दुसरे राज्य में मान्य हो या न हो , लेकिन उस आधार पर किसी को किसी भी राज्य में MP का चुनाव लड़ने पर कोई नहीं रोक सकता , चाहे वह जाति उस राज्य की SC सूची में हो न हो । 
        आप दुनिया को दिखा देना चाहती थी कि आरक्षण पर निषाद का भी  हक है आरक्षण किसी जाति विशेष की जायदाद नहीं है ।
आज देवी जी हमारे बीच नहीं है लेकिन आपका जज्बा मुझे आज भी याद है ........डटे रहो ......खड़े रहो ......अड़े रहो ...वक़्त एक दिन तुम्हारी पुकार अवश्य सुनेगा ।
                                 -ARUN KUMAR TAURIHA


1 comment:

  1. समाज को आप से उम्मीद है उस उम्मीद की किरन को हमने समाज तक पहुचाया है

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