Sunday, 11 November 2012

निषाद सभाओँ का कड़वा सच



दोस्तोँ क्या आप जानते हैँ
निषाद सभा मेँ बुद्विजीवियोँ को
बोलने के लिए कितना समय
मिलता है ?


मै 25 से ज्यादा बार
निषाद सभाओँ मेँ गया हूँ

इस आधार पर मैँ
कहता हूँ

निषाद सभा मेँ बुद्विजीवियोँ को
बोलने के लिए समय
मिलता है


केवल 2 मिनट


बुद्विजीवी माने क्या ??
बुद्विजीवी से मेरा मतलब
है निषाद समाज के वे लोग
जो सरकार द्वारा आयोजित
कम से कम 5 अलग अलग
प्रतियोगी परीक्षा मेँ बैठ चुके होँ
और किसी एक परीक्षा मेँ
उन्हेँ सफलता मिली हो



निषाद समाज के इन बुद्विजीवियोँ
के पास निषादोँ को देने
के लिए कुछ बुद्वि और
सुझाव है


ये वे लोग हैँ जो
चक्रव्यूह के सातोँ द्वारोँ
को तोड़ना जानते हैँ



आखिर क्या चाहते हैँ बुद्विजीवी ???
15000 वेतन पाने वाले
और 10 से 5 आफिस मेँ
डयूटी करने वाले
बुद्विजीवी मात्र इतना चाहते हैँ
कि जब भी कहीँ निषाद सभा
या सम्मेलन हो
तो मँच पर बुला कर
1 घंटा उन्हेँ भी बोलने
दिया जाय


पर दोस्तोँ असलियत क्या है ????

आप खुद किसी निषाद
सभा मेँ जाकर देख
सकते हैँ
इन्हेँ मंच तक पहुँचने
ही नहीँ दिया जाता

और अगर कुछ बुद्विजीवियोँ
को मौका भी मिलता है
तो 2 मिनट का


2 मिनट मेँ 120 सेकेण्ड
होते हैँ

10 सेकेण्ड मंच तक पहुचने
मेँ लगते हैँ

10 सेकेण्ड मंच से वापस
उतरने मेँ लगते हैँ

शेष बचा समय = 100 सेकेण्ड


15000 वेतन पाने वाले
और 10 से 5 आफिस मेँ
डयूटी करने वाले
बुद्विजीवी
को केवल 100 सेकेण्ड
मेँ बतानी होती है
कि आखिर निषाद समाज
क्यूँ पिछड़ा है
कैसे और कब से हो रहा है
उनके साथ अन्याय
और सबसे जरूरी बात
क्या है उपाय ???


पर घबराइए मत दोस्तोँ
अब हम मुन्नाभाई जैसे
चुटकुलोँ पर काम कर
रहे है
जिन्हेँ सुनाने मेँ
100 सेकेण्ड से कम
का वक्त लगता है


2 मिनट बाद निषाद
जाति के कार्यकर्ता
चिल्लाने लगते है :
"अबे साले मंच से
उतरेगा की नहीँ,
टाइम खत्म, नेता लोग
का अब नाच गाना सुनने
का मन है
अब नाच गाना होगा "

मंच सजने लगता है
बुद्वजीवी कहता है
"भाई जब तक मंच
सज रहा है मुझे कुछ
बोलने दो "

निषाद
जाति के कार्यकर्ता :
"माधरचोद तेरे को नेताजी
ने भाषण सुनने को बुलाया है
या भाषण देने के लिए"


15000 वेतन पाने वाले
और 10 से 5 आफिस मेँ
डयूटी करने वाला
बुद्विजीवी
मंच से उतर जाता है


फिर मंच पर आते हैँ
कव्वाल
पहले दारू की बोतल
खोल कर दारू पीयेगेँ
फिर गाना चालू होगा

"का होई निरहू
पढाई ये बचवा
लेता 2 ठे बकरी
जिआई ए बचवा"


नेता को पूरी छूट
चाहे 5 घंटे के सम्मेलन
मेँ 3 घंटा भाषण देता रहे

भाषण चालू होता है
एक ठे रहेन राम जी
जब जंगले मेँ गएन
तो मिले निषादराज
बोलो जय निषादराज
एक ठे रहेन एकल्वय
बोलो जय एकल्वय

मायावती ने हमको
केवल पाँच टिकट दिया
सारे समाज का वोट
मायावती को जाना
चाहिए

मुलायम के समर्थक नेता
जब मंच पर आते हैँ
तो

मुलायम ने हमको
केवल छ: टिकट दिया एक ज्यादा दिया
सारे समाज का वोट
मुलायम को जाना
चाहिए


15000 वेतन पाने वाले
और 10 से 5 आफिस मेँ
डयूटी करने वाले
बुद्विजीवी
किसी कोने मेँ बैठा
रो रहा है
आखिर रविवार
की छुट्टी थी
घर पर रह कर आराम करता


अगली सभा मेँ उसे देखते
ही निषाद जाति के नेता
इस आदमी को पहले
घसीट कर सभा से बाहर करो


आखिर मंच पर
बुद्विजीवियोँ को
क्यूँ नहीँ बोलने देते
निषाद जाति के नेता :
कारण है डर
निषाद जाति के नेता
सोचते हैँ अगर बुद्वीजीवियोँ को
मंच से बोलने देगेँ तो
15000 वेतन पाने वाले
और 10 से 5 आफिस मेँ
डयूटी करने वाले
बुद्विजीवी
अपनी अपनी नौकरियाँ
छोड़ कर चुनाव
लड़ना चालू कर देगेँ
और फिर तब उनको
समाज मेँ कोई नहीँ पूछेगा
उनका राजनीतिक कैरियर
तबाह बरबाद हो जाएगा

दोस्तोँ इस लेख को
निषाद समाज के हर
नेता को पढकर सुनाओ
ताकि जब 5 घंटे
की सभा मेँ
3 घंटा उन्हेँ बोलने
को मिले

उन्हेँ कोई पद नहीँ चाहिए
बस इतनी सी विनती
बुद्विजीवियोँ के समय
का दायरा 100 सेकेण्ड से
कुछ बढ़ा दिया जाए

written by Amit Nishad

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